अपना दल जैसे उभरते राजनीतिक दल में पारिवारिक विवाद, बहुजन नजरिये से त्रासदपूर्ण है. कारण, हिंदी पट्टी में सामाजिक न्याय के स्थापित नायक/नायिकाओं के विविध कारणों से निस्तेज हो जाने के बाद, यह दल, बहुजनों की आशा-आकांक्षा के नए प्रतीक के रूप में उभरने लगा था, जिसमें इसकी नेत्री अनुप्रिया पटेल का असाधारण योगदान था