प्रो. वर्जीनियस खाखा ने अपने संबोधन में कहा कि अभय चाहते थे कि दिल्ली में जैसे दलित अध्ययन के लिये इंस्टीट्यूट है, वैसे ही आदिवासी अध्ययन के लिये इंस्टीट्यूट बने। वो ऐसा इंस्टीट्यूट बनाना चाहते थे, जो न सिर्फ़ रिसर्च करवाए, बल्कि ज़मीनी स्तर पर आदिवासियों से जुड़ा भी रहे। सुशील मानव की खबर