असुर परम्पराओं में कथित तौर पर देवताओं के साथ युद्ध को कई रूपों में दर्शाया गया है। इनका जिक्र साहित्य में भी किया गया है। हाल के वर्षों में मुख्यधारा के साहित्य ने भी अपने रुख में बदलाव किया है। अब असुर परम्पराओं को जगह दिया जाने लगा है। इस बारे में विश्लेषण कर रहे हैं हरेराम सिंह