दिल्ली की सीमाओं पर किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ करीब साढ़े चार महीने से आंदोलनरत हैं। उन्होंने इस बार आंदोलन स्थलों पर डॉ. आंबेडकर की जयंती मनाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में सुशील मानव ने किसान नेताओं से बातचीत की
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा डॉ. आंबेडकर की जयंती के मौके पर ‘दलित दीवाली’ मनाने के आह्वान का विरोध किया जा रहा है। इस विरोध की वजह जानने के लिए फारवर्ड प्रेस ने दलित-बहुजन बुद्धिजीवियों, लेखकों व सामाजिक कार्यकर्ताओं से बातचीत की
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद के माता कॉलोनी, विजय नगर के इलाके में दलित-बहुजन पिछले तीस वर्षों से आंबेडकर जयंती धूमधाम से मनाते आ रहे हैं। इस बार तीन किताबों का विमोचन होगा तथा निजीकरण के संदर्भ में डॉ. आंबेडकर के विचार के सवाल पर गोष्ठी आयोजित है
छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल के सुदूर कांकेर जिले में आदिवासी समुदाय के लोगों ने कृतज्ञतापूर्वक डॉ. आंबेडकर को उनकी 129वीं जयंती पर याद किया। उन्होंने यह सब लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए किया। तामेश्वर सिन्हा की खबर
सुशील मानव बता रहे हैं कि कैसे गांवों में आंबेडकरवादी लहर फैल रही है। लोग अपने अधिकारों के लिए जागरूक हो रहे हैं। उनके मुताबिक, हाल के वर्षों में दलित और पिछड़े समाज के लोगों में एकता बनी है
करीब ढाई दशकों से विधायक व वर्तमान में बिहार सरकार में वरिष्ठ मंत्री श्याम रजक बता रहे हैं कि डॉ. आंबेडकर के संघर्षों व विचारों ने उन्हें किस प्रकार संबल दिया है। उनके मुताबिक आज भी लोग जातिसूचक शब्द का उपयोग कर उनका अपमान करते हैं
Shyam Rajak, an MLA for 25 years and presently a minister in the Bihar government, explains how the struggles and the ideology of Dr Ambedkar have always been a pillar of support for him, even when people humiliate him today with casteist slurs
इस बार आंबेडकर जयंती के मौके पर इलाहाबाद के फूलपुर में यह नजारा देखने को मिला। झांकियों में आंबेडकर और राम एक रथ (बग्घी) पर सवार दिखे
In Allahabad’s Phulpur, Ambedkar and Ram shared the same horse-drawn carriage in a Ambedkar Jayanti procession
आंबेडकर की सीधी खड़ी मूर्तिया सवर्ण प्रभुत्व के लिए चुनौती हो गयी हैं जिन्हे ऐसा लगता है कि उनका संविधान और उनके विचार दलितों को ‘बिगाड़’ रहे हैं क्योंकि अब वो सवाल कर रहे हैं। विद्याभूषण रावत की रिपोर्ट :
The violence in Saharanpur is a result of the BJP’s strategy to polarize voters with respect to Muslims. That’s their way of appeasing Jats unhappy with the treatment of their brethren in BJP-ruled next-door Haryana and of sowing discontent among Dalits aligned with Muslims
1991 में जब देश बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की जन्मशती मना रहा था, तब अनिल सरकार ने त्रिपुरा के दलित आंदोलन को फैलाने के गंभीर प्रयास प्रारंभ किए। उन्होंने पूर्वोत्तर में दलित आंदोलन को मार्क्सवाद से जोड़कर उसे नया परिप्रेक्ष्य दिया
In 1991, when the country was celebrating the birth centenary of B.R. Ambedkar, Anil Sarkar began serious efforts to launch a Dalit movement in the state. He gave a new perspective to Marxism in the Northeast by aligning it with the Dalit movement
ग्रेटर टोरंटो के आंबेडकरवादी व अन्य बहुजन संगठनों ने 4 जून, 2016 को आंबेडकर की 125 वी जयंती मनाने के लिए एक विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया
On 4 June 2016, the Ambedkarite and other Bahujan organizations of Greater Toronto Area joined hands to have a grand celebration of the 125th birth anniversary of Dr B. R. Ambedkar