विश्वविद्यालय के बजाय विभागवार आरक्षण का फैसला लागू होने के बाद न काॅलेज में, न विश्वविद्यालय में, न केंद्रीय विश्वविद्यालय में आरक्षण रहेगा। संविधान के माध्यम से एक बड़ा कदम उठाया गया था, वह सब खत्म हो जाएगा और दलित,आदिवासी और ओबीसी को फिर से गुलाम जैसा जीवन जीना पड़ेगा