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जर्नादन गोंड बता रहे हैं आदिवासियों के प्रकृति पर्व सरहुल के बारे में। उनके मुताबिक इस पर्व के बारे में गैर आदिवासी साहित्यकारों ने भी लिखा है। लेकिन उनके लेखन का अपना नजरिया है। जबकि आदिवासी साहित्यकारों ने इसके मूल स्वरूप का वर्णन किया है
जातिगत जनगणना को लेकर देश भर में मांग उठने लगी है। महाराष्ट्र के बाद ओडिशा सरकार ने इसके लिए पहल किया है। परंतु, केंद्र सरकार का अड़ियल रवैया कायम है। विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों के बारे में बता रहे हैं कमल चंद्रवंशी
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
पूरे भारत में सवर्ण ताकतें सिर उठा रही हैं। दलित-बहुजनों पर उनका अत्याचार बदस्तूर जारी है। ओडिशा के पुरी जिले के नुआगांव इलाके में तीन दलित परिवारों पर जिस तरह कहर ढाया गया, वह यह साबित करने के लिए काफी है। फारवर्ड प्रेस की खबर :
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सैंकड़ों वर्ष पूर्व लोगों को भूखा रखकर उन्हें मरने को मजबूर कर मृत्युदंड देने के कई उदाहरण पश्चिम के देशों में मिलते हैं। भारत के कई राज्यों में यह अघोषित रूप से आज भी जारी है। अकेले झारखंड में पिछले दस महीने में दस लोगों की मौत हो चुकी है। भुखमरी के सामाजिक, आर्थिक और ऐतिहासिक पहलुओं पर प्रकाश डाल रहे हैं विशद कुमार :
First, the forests and land were taken away from them. Now they have no water sources to turn to. Adivasis throughout the country are facing a severe water crisis. Meanwhile, on 15 June, Niti Aayog released a report on water management. The report mentions the states that are experiencing water shortage but not pinpoint the areas
जल, जंगल और जमीन वाले आदिवासियों को जंगल और जमीन से विस्थापित किया ही जा रहा है। अब उन्हें जल से भी महरूम किया जा रहा है। पूरे देश में आदिवासी भीषण जल संकट से गुजर रहे हैं। इस बीच नीति आयोग की 15 जून को जल प्रबंधन पर समग्र रिपोर्ट आई। आयोग ने राज्य तो बताए लेकिन अपने लाल-पीले किए नक्शे में जल संकट ग्रस्त इलाकों के नाम का उल्लेख ही नहीं है। कमल चंद्रवंशी की रिपोर्ट
The 14-year-old was set afire on 28 July, allegedly by Pradip Das and Ekadashi Das at Kharnasi village, about 150 km from Bhubaneswar. Police arrested Pradip the next day and Ekadashi a few days later
14 साल की इस लड़की के साथ प्रदीप दास और एकादशी दास ने भुवनेश्वर से लगभग 150 किलोमीटर दूर खारनासी गांव में 28 जुलाई 2013 को बलात्कार किया और उसके बाद उसे आग लगा दी। पुलिस ने प्रदीप को घटना के अगले दिन और एकादशी को कुछ दिन बाद गिरफ्तार कर लिया