ध्यातव्य है कि इसी नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा 2013 में शुरू की गई चार वर्षीय पाठ्यक्रम को वापस कर दिया था। देखने वाली बात यह कि 2014 में जारी चार वर्षीय पाठ्यक्रम को जबरन वापस कराने वाली सरकार आखिर उसी प्रारूप को पूरे देश में क्यों लागू कर रही है? बता रहे हैं डॉ. सुधांशु कुमार
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जेएनयू और डीयू के छात्रों के विरोध और हाईकोर्ट से मिली फटकार के बाद लगता है सरकार को समझ में आया कि उच्च शिक्षा के साथ वह मजाक नहीं कर सकती है। एमफिल और पीएचडी के छात्रों के दाखिले के लिए अब 2016 की यूजीसी की अधिसूचना में दूसरी बार संशोधन होने जा रहा है। पूरा माजरा बता रहे हैं कमल चंद्रवंशी :
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नकल कर पीएचडी या एमफिल करने वालों पर नकेल कसने की कोशिशें की है। साॅफ्टवेयर के जरिए शोधपत्रों की जांच के अलावा दोषी पाये जाने पर सजा का प्रावधान भी किया गया है। कमल चंद्रवंशी की रिपोर्ट :
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यूजीसी के एमफिल और पीएचडी में दाखिले के नियम को दिल्ली विश्वविद्यालय ने लागू किया है जिसके बाद दलित, आदिवासी और पिछड़ों के दाखिले के रास्ते बंद हो गए हैं। बता रहे हैं कमल चंद्रवंशी