कर्पूरी ठाकुर की खासियत यह थी कि वे समाज की बीमारी समझते थे। वे जानते थे कि पिछड़ा, दलित, शोषित, वंचित एवं महिलाओं में शिक्षा का प्रचार-प्रसार किए बगैर विकसित समाज और उन्नत राष्ट्र के निर्माण का सपना कभी पूरा नहीं हो सकता। उन्हें याद कर रहे हैं सत्यनारायण प्रसाद यादव