भारत में शिक्षा का द्वार शूद्रों-अतिशूद्रों के लिए हजारों वर्षों तक बंद रहा। आरक्षण के प्रावधान से यह दरवाजा थोड़ा खुला। इन वंचित तबकों को बराबरी के स्तर पर प्रतिनिधित्व मिलता, इससे पहले ही सरकारों ने चोर दरवाजे से आरक्षण खत्म करना शुरू कर दिया, यह सब कुछ कैसे घटित हो रहा है, बता रहे हैं चन्द्रभूषण गुप्त :