डॉ. आंबेडकर ने वर्णव्यवस्था के विधानों की संहिता ‘मनुस्मृति’ का दहन किया लेकिन क्या यादवों ने कभी ‘ब्रह्मवैवर्त पुराण’ जलाने की कोशिश की? जिस कृष्ण के पास कोई यौन नैतिकता ही नहीं है, वह किसी समाज का नायक हो सकता है? रामजी यादव का विश्लेषण
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