केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संसद में दिए गए जवाब का संबंध मुख्य रूप से दलितों, आदिवासियों, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग से था कि इन वर्गों के कितने कैदी भारतीय जेलों में बंद हैं। लेकिन सरकार ने जो आंकड़े दिए, उनमें धर्म वार आंकड़ा भी शामिल था। फिर क्या था, मीडिया संस्थानों ने इसे लपक लिया और पूरे मामले को सांप्रदायिक बना दिया। बता रहे हैं अनिल चमड़िया