जाति क्या है और इसका विनाश कर बेहतर समाज का निर्माण कैसे हो, यह बड़ा सवाल रहा है। इसका मुकम्मल जवाब बाबा साहब आंबेडकर ने अपने एक लिखित भाषण में दिया। दुर्भाग्यवश उन्हें यह भाषण देने ही नहीं दिया गया। फारवर्ड प्रेस बुक्स द्वारा हिन्दी में प्रकाशित इस किताब का अनुवाद राजकिशोर जी ने किया है। यह उनकी अंतिम कृति है