अकादमिक जगत में संघ अपनी पैठ बनाता जा रहा है। गुजरात विवि के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाली एक संगोष्ठी इसका उदाहरण है। संगोष्ठी के आयोजकों का कहना है कि भारतीय काव्यशास्त्र से उनका आशय मुख्यतः संस्कृत काव्यशास्त्र से है
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गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय ने एक विज्ञापन जारी कर प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए सभी वर्गोंं के अभ्यर्थियों से 72 रिक्तियों पर आवेदन मांगे हैं। इन पदों पर अभ्यर्थी 8 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने मांग की है कि गुजरात पिछड़ा वर्ग आयोग वह रिपोर्ट सार्वजनिक करे, जिसके आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति मोध-घांची को ओबीसी में शामिल किया गया था। साथ ही उन्होंने राज्य में पाटीदारों का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग भी की है। फारवर्ड प्रेस की खबर :
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
वामन मेश्राम के मुताबिक, जनता के पास विरोध, असहमति और उसका इजहार करने का मौलिक अधिकार संविधान के आर्टिकल-19 के तहत दिया गया है। मगर, गुजरात सरकार संविधान तक का ख्याल नहीं रख रही है और दमनकारी नीति के तहत जन-विद्रोह को दबाने का काम कर रही है। फारवर्ड प्रेस की खबर :
गुजरात में उत्तर प्रदेश और बिहार से गये मजदूरों को मारकर भगाया जा रहा है। इसे लेकर युवा दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने विरोध व्यक्त किया है। वे भाजपा पर प्रांतवाद की राजनीति का आरोप लगा रहे हैं। फारवर्ड प्रेस की खबर :
गुजरात में रहने वाले बिहारवासियों और उत्तर प्रदेश के लोगों को पीटा जा रहा है। उन्हें भगाया जा रहा है। सरकारें मौन हैं। क्या इसकी वजह केवल यह है कि केंद्र के साथ-साथ गुजरात, बिहार और उत्तर प्रदेश में एक ही राजनीतिक खेमे एनडीए की सरकर है? इस राजनीतिक सवाल से इतर एक दलित बिहारी की व्यथा
ओबीसी के उत्थान काे समर्पित जयंती भाई मनानी की अचानक हुई मौत एक रहस्य बन चुकी है। उन्हें जानने वाले सभी मानते हैं कि वे कभी भी हृदय की बीमारी से ग्रसित नहीं थे। फिर अचानक उनकी मौत कैसे हो गयी। प्रेमा नेगी की रिपोर्ट :
The sudden death of Jayantibhai Manani, devoted to the cause of the OBCs, has left his colleagues dumbfounded. They say he never had any heart-related ailments. Prema Negi reports
जयंती भाई सदैव मंडल व सोशल जस्टिस हेतु प्रयत्नशील रहते थे। बढ़ती उम्र के बावजूद वे हम जैसे लोगों के लिए प्रेरणास्रोत व ऊर्जा प्रदान करने वाले पावर हाउस थे। जयंती भाई मनानी के निधन पर चंद्रभूषण यादव दे रहे हैं श्रद्धांजलि :
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अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम दलितों और आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार के लिए कितना अहम है, यह इस अदालती फैसले से साबित होता है। आठ साल पहले जिन लोगों ने एक दलित युवती को कुएं से पानी लेने से रोका, उन्हें इसी कानून के तहत कोर्ट ने सजा दी। एक खबर
हाल ही में गुजरात के भावनगर में घुड़सवारी का शौक रखने वाले दलित प्रदीप राठौर की हत्या कर दी गयी। इससे पहले भी ऐसी घटनायें देश के अनेक हिस्सों में हो चुकी हैं। दलित घोड़े पर चढ़कर सड़क पर न चलें। सवर्णों की इस मानसिकता के बारे में बता रहे हैं तेजपाल सिंह ‘तेज’ :
Recently in Gujarat’s Bhavnagar, Pradeep Rathod, a Dalit horse-riding enthusiast, was murdered. Over the years, scores of such incidents have been reported from different parts of the country. What is the mentality of the Savarnas that is behind these ghastly acts? Tejpal Singh ‘Tej’ looks for an answer