गोहरी हत्याकांड मात्र घटना नहीं, पुलिस, प्रशासन, सत्ता, मीडिया के सवर्ण चरित्र का एक और नमूना है। अब, जबकि कथित मुख्य आरोपी पवन के डीएनए घटनास्थल पर प्राप्त डीएनए से नहीं मिले और उसे निर्दोष बता कर छोड़ना पड़ा, तब किसी अखबार ने यह सवाल नहीं उठाया कि ठाकुर परिवार के डीएनए की जांच का क्या नमूना निकला? आखिर ठाकुर परिवार के लोग जेल कब भेजे जाएंगे, कौन है जो उन्हें बचा रहा है? पढ़ें, सीमा आजाद की जमीनी पड़ताल