सैंकड़ों वर्ष पूर्व लोगों को भूखा रखकर उन्हें मरने को मजबूर कर मृत्युदंड देने के कई उदाहरण पश्चिम के देशों में मिलते हैं। भारत के कई राज्यों में यह अघोषित रूप से आज भी जारी है। अकेले झारखंड में पिछले दस महीने में दस लोगों की मौत हो चुकी है। भुखमरी के सामाजिक, आर्थिक और ऐतिहासिक पहलुओं पर प्रकाश डाल रहे हैं विशद कुमार :