18 मार्च 1948 को भारत सरकार के कानून मंत्री से मिल कर पिछड़े वर्ग के उत्थान हेतु चंदापुरी ने संविधान में धारा 340 के समावेश करने की मांग की थी। अगर संविधान में धारा 340 का प्रावधान नहीं रहता तो मंडल कमीशन की अनुशंसा कोर्ट में अवैध घोषित हो जाती। अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ के राष्ट्रीय अधिवेशन के मौके पर जारी की गई पत्रिका ‘पिछड़ा वर्ग संदेश’ ऐसे कई ऐतिहासिक अन्यायों का खुलासा करती है
On 18 March 1948, Ramlakhan Chandapuri had met the union law minister and demanded inclusion of Article 340 in the Constitution. But for this article, the courts would have struck down the recommendations of the Mandal commission