बहुजन समाज की पृष्ठभूमि से आये लेखक इतिहास की हर घटना को एक नए नजरिए से देख रहे हैं। ऐसे महत्वपूर्ण लेखकों में सुभाषचंद्र कुशवाहा भी शामिल हैं। इतिहास पर उनकी पहली किताब ‘चौरी-चौरा:विद्रोह और स्वाधीनता आन्दोलन’ ने अध्येताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा। अभी हाल में उनकी दूसरी किताब, ‘अवध की किसान विद्रोह’ आई है। क्या है इस किताब में बता रहे हैं, चन्द्रभूषण गुप्त ‘अंकुर’ :