इन जातियों के लोगों को डॉ. आंबेडकर के विचारों से जोड़ने के लिए प्रयास किये जाने चाहिए। निश्चित तौर पर इसमें शेष दलित जातियों को पहल करनी होगी, ताकि अमानवीय पेशे से उन्हें मुक्ति मिल सके। इसके लिए राजनीतिक एकता बहुत जरूरी है। संजीव खुदशाह का विश्लेषण
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