मिथकीय ग्रंथ रामायण में वर्णित रावण के संबंध में बौद्ध धर्म से लेकर गोंड परंपरा तक में अनेक व्याख्याएं हैं। इन व्याख्याओं के निहितार्थ व मनुवादी समाज की वैचारिकी को चुनौती देती चंद्रिकाप्रसाद जिज्ञासु की पुस्तक ‘रावण और उसकी लंका’ का पुनर्पाठ कर रहे हैं कंवल भारती