स्थानीय आदिवासियों ने बताया कि यह उन्हीं फादर लिवन के नवजागरण की देन है कि आज महुआडांड़ प्रखंड में अनेक आदिवासी डाक्टर, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें ईसाई मिशनरी द्वारा रांची में स्थापित सेंट जेवियर कॉलेज की भी बहुत बड़ी भूमिका है। पढ़ें, कंवल भारती की रांची यात्रा संस्मरण की पांचवीं किश्त