मामले की गंभीरता आकलन ऐसे भी किया जा सकता है कि खुद मुख्यमंत्री को ओबीसी आरक्षण को बरकरार रखने सदन में संकल्प लाना पड़ा। और वे इतने पर नहीं रूके। उन्होंने खुद विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया कि ओबीसी के आरक्षण के बगैर त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव नहीं कराए जाएंगे। मनीष भट्ट मनु की रपट