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बहुजन साप्ताहिकी के तहत इस बार पढ़ें राजद प्रमुख लालू प्रसाद से संबंधित 17 स्थानों पर सीबीआई की छापेमारी के अलावा प्रो. रविकांत और डॉ. रतनलाल के खिलाफ मुकदमे की दास्तान
बहुजन साप्ताहिकी के तहत इस बार पढ़ें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नये आह्वान के अलावा डीयू में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों पर बहाली के संबंध में स्पेशल ड्राइव चलाने के बारे में। साथ ही यह भी कि बिहार में जहरीली शराब पीकर मरनेवाले अधिकांश दलित-पिछड़े हैं
बहुजन साप्ताहिकी के तहत इस बार पढ़ें डीयू की एक घटना, जिसमें लक्ष्मीबाई कॉलेज की हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ. रंजीत कौर के उपर उनके ही विभाग की दलित एसोसिएट प्रोफेसर नीलम ने जातिसूचक गाली और थप्पड़ मारने का आरोप लगाया है। साथ ही एक खबर सिलेगर आंदोलन के सौ दिन पूरे होने के संबंध में
बीते 27 जनवरी, 2021 को दिल्ली विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों ने भूख हड़ताल करने का प्रयास किया। लेकिन प्रशासन ने कोरोना का भय बताकर उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। अनिल कुमार की खबर
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि ओबीसी ग्रांट का पैसा ओबीसी के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसका दूसरे मद में उपयोग अनुचित है। उन्होंने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि ओबीसी छात्रों को दाखिले के समय परेशान किया जाता है
भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला के राधाकृष्णन व्याख्यान में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शिरकत कर रहे हैं तो देश के दूसरे बड़े शिक्षा संस्थानों में भी आने वाले दिनों में कई बड़े आयोजन हैं। इस हफ्तावार कॉलम में पढ़ें देश के संस्थानों में होने वाली गतिविधियों का ब्यौरा
हम उस दौर में पहुंच गए हैं जहां मनुष्य और मशीन एक साथ सोच-विचार करने का काम कर रहे हैं। जाहिर है इस जैसे विषय पर चर्चा हो तो देश में बौद्धिक और सामाजिक फलक पर दूसरी चर्चाएं और भी तेज रफ्तार के साथ होंगी। हालांकि इन सबकी हमको कम ही खबर लगती है। लेकिन पिछले हफ्ते की तरह इस बार भी अगले कुछ आयोजनों की सूचना दे रहे हैं कमल चंद्रवंशी
दिल्ली विश्वविद्यालय में नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। ओबीसी वर्ग के छात्र/छात्राओं से कहा जा रहा है कि वे 30 मार्च 2019 या इसके बाद जारी गैर क्रीमीलेयर प्रमाण पत्र लाएं। इस कारण उनके प्रवेश में बाधाएं खड़ी हो रही हैं
दिल्ली विश्वविद्यालय के गणित विभाग के छात्र-छात्राएं 14 फरवरी से धरने पर बैठे हैं। 19 फरवरी से उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इसकी प्रमुख वजह 80 फीसदी विद्यार्थियों को फेल किया जाना और छात्राओं का सेक्सुअल हेरेसमेंट है। खबर कवर करने पर फारवर्ड प्रेस के पत्रकार सुशील मानव से परीक्षा विभाग के डीन प्रो. पी.सी. झा ने की अभद्रता
देश भर से दलित-आदिवासी, महिला, घुमंतू आदिवासी समुदाय, अल्पसंख्यक व कई अन्य वंचित समुदायों से करीब 15 भाषाओं के लेखक, संस्कृतिकर्मी, गायक, नाट्यकार, कलाकार हो रहे हैं शामिल