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छोटानागपुर के असुर

तेजी से घट रही असुर समुदाय की आबादी एक बड़ा सवाल है। सवाल एकआयामी नहीं बल्कि बहुआयामी हैं जो सीधे तौर पर सबसे प्राचीनतम जनजाति के अस्तित्व के बुनियादी अधिकारों से जुड़ा है। दिलचस्प यह कि सरकारें पुरातत्व अध्ययन, पर्यटन को बढ़ावा देने के क्रम में निर्जीवों का ख्याल तो रखती हैं लेकिन इंसानों का नहीं और न ही उनकी संस्कृति का। एफपी टीम की जमीनी रिपोर्ट :

Asurs of Chhota Nagpur

The fast-shrinking Asur community is a matter of great concern. At stake are the rights of an ancient people as mining companies dig up their land and push them further into the margins. But we were also witness to a defiant Asur culture

भारत के पिछड़े वर्गों और क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों और उनके सरोकारों को नए परिप्रेक्ष्य से देखने और गहराई से समझने का प्रयास है फॉरवर्ड प्रेस. चुप कर दिए गए बहुसंख्यक दलितबहुजनों की आवाज़ है फॉरवर्ड प्रेस. हमारे मिशन के बारे में अधिक जानें

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