वर्ष 1989 में कांशीराम जी के भाषणों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यही वह वर्ष था जिसने भारतीय राजनीति की दशा और दिशा दोनों को बदल दी। मंडल कमीशन की अनुशंसाएं लागू हुईं और फिर देश में दलित-बहुजनों के बीच एका भी नये स्वरूप में सामने आयी। नवल किशोर कुमार की समीक्षा :
This post is only available in Hindi.
Visit the Forward Press Facebook page and and follow us on Twitter @ForwardPressWeb