डा. राजेन्द्र प्रसाद सिंह की नई पुस्तक ओबीसी विमर्श को प्रतिष्ठापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने इस पुस्तक में ओबीसी साहित्य की अवधारणा के संदर्भ में अत्यंत गंभीर विवेचन- विश्लेषण प्रस्तुत किया है और ओबीसी साहित्य की परंपरा,मूल्यों, मान्याताओें, सिद्धांतों को तार्किक ढंग से रेखांकित किया है