महिलाओं और किशोरों के लिए चल रहे सुधार और संरक्षण गृहों में रहने वाले आवासियों के लिए हालात दिन-ब-दिन खराब हो रहे हैं। क्या दिल्ली से इसके लिए कोई रास्ता तैयार हो सकता है? संभावना बहुत प्रबल है क्योंकि हाईकोर्ट ने रोज के झमेले को खत्म करने के लिए अरविंद जैन को न्यायमिंत्र बनाया है
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सरकार और संवैधानिक संस्थाओं पर जुमलों से शासन करने का आरोप नया नहीं है। ‘सबका साथ सबका विकास’ की तर्ज पर यूजीसी ने उच्च शिक्षा में हिमायत की और ‘सबके लिए समान योग्यता’ पैमाने से मापजोख करनी चाही। कोर्ट ने उसे फटकारा कि ऐसे में तो एससी, एसटी, ओबीसी और कमजोर तबकों के छात्र ही इस प्रणाली से छिटक जाएंगे। फारवर्ड प्रेस की खबर
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
ब्लैक लिबरेशन मूवमेंट समुदाय का आंदोलन था। उनको ब्लैक कहलाना पसंद था। वह जीते, उनको ‘ब्लैक पीपुल’ कहा जाने लगा। भारत में सदियों से हो रहे जाति दमन और छुआछूत के खिलाफ इसी समुदाय ने अपने लिए ‘दलित’ शब्द चुना। लेकिन सामाजिक अस्मिता और आंदोलन का पर्याय हो चुके इस शब्द के अस्तित्व के लिए कोर्ट कचहरी में संघर्ष करना पड़ रहा है क्योंकि सरकार भी इसे खत्म करने पर तुली है। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :
करीब 8 वर्षों के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने मिर्चपुर के दलितों को इंसाफ दिया है। 33 अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया तथा इनमें से 12 को आजीवन उम्रकैद की सजा मुकर्रर की गयी। साथ ही पीड़ित दलितों को समुचित मुआवजे व पुनर्वास के लिए राज्य सरकार को निर्देशित किया है। एससी/एसटी एक्ट के तहत दी गयी सजा अबतक की सबसे बड़ी सजा है। एक खबर :
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