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आदिवासी हिंदू नहीं हैं। एक बार फिर यह सुर्खियों में है। इसकी वजह यह कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यह बात हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। उनके इस बयान पर हिंदू संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वहीं बहुजन बुद्धिजीवी हेमंत सोरेन के बयान का समर्थन कर रहे हैं। विशद कुमार की रपट
पेरियार ने गांधी से कहा, “हिंदू धर्म की मदद से स्थायी और बड़ा कर पाना आपके लिए संभव नहीं है। ब्राह्मण आपको ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे। यदि आपने उनके हितों के विरुद्ध कुछ भी किया तो वे आपके खिलाफ युद्ध छेड़ देंगे।” ओमप्रकाश कश्यप की प्रस्तुति
आस्थावादी कहता है, जो कहा गया है, उसपर विश्वास करो। धर्मग्रंथों पर संदेह करना पाप है। आस्था जितनी ज्यादा संदेह-मुक्त हो, उतनी ही पवित्र मानी जाती है। जबकि ज्ञान की खोज बगैर संदेहाकुलता के संभव ही नहीं है। ओमप्रकाश कश्यप का विश्लेषण
हूल क्रांति (30 जून, 1855) की वर्षगांठ के मौके पर भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता व राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय से राजन कुमार की खास बातचीत
डॉ. मोतीरावण कंगाली गोंडी भाषा, साहित्य, संस्कृति और धर्म के अध्येता रहे। उनके गहन शोधों के कारण भारत की गैर-आर्य संस्कृति और परंपराओं को लेकर आज नयी समझ बनी है। उनके बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं सूर्या बाली
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय इलाके किन्नौर में बहु-पति प्रथा है। सगे भाइयों की साझा पत्नी की यह प्रथा मैदानी इलाकों के लिए आश्चर्यजनक है। स्थानीय निवासी अमीर लामा बता रहे हैं कि किन्नौर के लाेग इस प्रथा का पालन कैसे करते हैं
खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों से परिपूर्ण किन्नौर का समाज व संस्कृति शेष भारत से अलग है। यह बौद्ध धर्म का इलाका है, जिसे हिंदूवादी संस्कृति लीलती जा रही है। हालांकि आर्थिक संपन्नता के आगमन से जाति-आधारित उत्पीड़न और भेदभाव कम हो रहा है। पढें, फारवर्ड प्रेस के प्रबंध संपादक प्रमोद रंजन की किन्नौर यात्रा के दौरान की गई यह बातचीत :
A city which is casteless, classless and does not have untouchability. Nobody is taxed and nobody owns wealth. There is no injustice, no worries, no terror and no torture. That was Raidas’ Begumpura. With this city of his dreams, he laid the foundation of socialism in the 15th century
संत रैदास का आदर्श देश बेगमपुर है, जिसमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब और छूतछात का भेद नहीं है। जहां कोई टैक्स देना नहीं पड़ता है; जहां कोई संपत्ति का मालिक नहीं है। कोई अन्याय, कोई चिंता, कोई आतंक और कोई यातना नहीं है
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
दिल्ली विश्वविद्यालय में लेखकाें की किताबें हटाने काे लेकर घमासान मचा हुआ है। विश्वविद्यालय के सिलेबस से बहुजन लेखक कांचा आयलैया की तीन किताबें बाहर करने के प्रयास के बाद इस्लाम और अंतर्राष्ट्रीय संबंध पर बवाल मचा है और कुछ प्राेफेसर्स दूसरे धर्माें की किताबें पढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :
While our “scientific establishment” has made giant strides, scientific thinking still lags behind as science is being practiced mostly as an instrument and not as a way of life
हमारे देश ने विज्ञान के क्षेत्र में जबर्दस्त प्रगति की है परंतु यह दुख की बात है कि जहां हम उन उपकरणों का इस्तेमाल कर रहें हैं जो विज्ञान की देन हैं, वहीं हमारी मानसिकता में विज्ञान को स्थान नहीं मिल सका है