राजनीतिक दलों से संबंद्ध सामाजिक समूह उनकी हार-जीत तय करते हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में नरेन्द्र मोदी ने हिंदुत्व की राजनीति के साथ पिछड़ावादी राजनीतिक को एकमेव कर विजय हासिल की। उनका यह सामाजिक आधार ध्वस्त होता दिखाई दे रहा है, जो भाजपा की पराजय की वजह बन सकता है। समकालीन राजनीतिक परिदृश्य का विश्लेषण कर रहे हैं, प्रेमकुमार मणि