भारतीय मीडिया संस्थानों का “आरक्षण विरोधी चरित्र” एक बार फिर खुलकर सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट की एक हालिया टिप्पणी को मीडिया द्वारा इस तरह प्रस्तुत किया जा रहा है मानो आरक्षण अधिकार ही नहीं है। जबकि सच्चाई यह है कि आरक्षण एक संवैधानिक अधिकार है जिसका संबंध संविधान के उन अनुच्छेदों से है जिनमें मौलिक अधिकारों का उल्लेख है, बता रहे हैं नवल किशोर कुमार