अपने सांप्रदायिक चरित्र को बरकरार रखते हुए भाजपा ने किसी भी मुसलमान को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है। वहीं सपा-रालोद, कांग्रेस और बसपा ने पहले चरण के लिए क्रमश: 12, 11 और 13 मुस्लिम उम्मीदवारों को मौका दिया है। लेकिन इनमें 80 फीसदी हिस्सेदारी वाले पसमांदा समाज के उम्मीदवारों की संख्या बहुत कम है। बता रहे हैं असद शेख