राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि ओबीसी ग्रांट का पैसा ओबीसी के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसका दूसरे मद में उपयोग अनुचित है। उन्होंने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि ओबीसी छात्रों को दाखिले के समय परेशान किया जाता है
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राज्याधीन मेडिकल कालेजों व शिक्षण संस्थानों में ऑल इंडिया कोटे के तहत ओबीसी को आरक्षण नहीं देने के नये तिकड़म खोज लिये गए हैं। केंद्र सरकार के अधीन नवगठित नेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने यह साफ कर दिया है कि जबतक सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं आता या फिर केंद्र सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तबतक ओबीसी को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। नवल किशोर कुमार की खबर
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने देश के सभी 23 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों को नोटिस भेजा है। इसकी वजह यह कि इन विश्वविद्यालयों में ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया जा रहा है। फारवर्ड प्रेस की खबर
The National Commission for Backward Castes has issued notices to all the 23 National Law Universities asking them why they have not implemented reservation for OBCs
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने बीपीएससी से दस दिनों के अंदर जवाब मांगा है। इसका सबब यह कि इस वर्ष बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर हुई नियुक्तियों में आरक्षित वर्गों की अनदेखी के मामले प्रकाश में आए हैं। आरटीआई के द्वारा मांगी गयी जानकारी भी बीपीएससी को कटघरे में खड़ा करती है। रामकृष्ण यादव की रिपोर्ट
गरीब सवर्णों के आरक्षण के नाम पर यह संविधान-संशोधन संविधान की मूलभावना और सामाजिक न्याय की अवधारणा को खारिज करता है। इसका लाभ भी अमीर सवर्णों को ही मिलेगा। सबसे दुखद यह है कि जब संविधान और सामाजिक न्याय का चीरहरण हो रहा था, तो दलित-बहुजनों के अधिकांश प्रतिनिधि मौन थे
On the pretext of earmarking a quota for the poor savarnas, this Constitutional amendment is an attempt to smother the basic spirit of the Constitution and the concept of social justice. It will only benefit the well-off savarnas. What is most painful is that when the Constitution and social justice were under attack, most of the representatives of the Dalitbahujans maintained a stoic silence. These are Justice Eshwaraiah’s observations
सवर्ण बनाम बहुजन की राजनीति का बीजारोपण हो चुका है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद अब तेलंगाना में भी बहुजनों की एकता का आह्वान किया गया है। इसके लिए नयी पार्टी का गठन किया गया है जिसके मार्गदर्शक राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस वी. ईश्वरैया हैं। फारवर्ड प्रेस की खबर
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
पिछड़ा वर्ग सोया हुआ है और उसको 27 प्रतिशत की जगह सिर्फ पांच-छह प्रतिशत ही फायदा हो पाया है। पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग की तरह अपने हक की लड़ाई नहीं लड़ता। पिछड़े वर्ग की राजनीति जरूर है, लेकिन वह व्यक्तिगत फायदे के लिए है। भाजपा के दलित सांसद डॉ. उदित राज से बातचीत :
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आगामी 7 अगस्त को राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के तत्वावधान में दूसरे ओबीसी सम्मेलन का आयोजन कन्स्टीच्यूशन क्लब सभागार में किया जाएगा। इस मौके पर आधा दर्जन से अधिक केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने से लेकर तमाम बुनियादी सवालों पर विमर्श होंगे
The second OBC convention will be held on 7 August at the Constitution Club, New Delhi under the auspices of the Rashtriya OBC Mahasangh. More than six union ministers are expected to attend and discuss a wide range of issues concerning the OBCs, including the demand for making the report of the caste census public