प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले चार दौर के प्रचार अभियान में बहुत ज़्यादा सक्रिय नहीं रहे। इसके तमाम कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ी वजह शायद प्रधानमंत्री की वह छवि है, जो मीडिया, पीआर और पार्टी संगठन के ज़रिए लोगों के बीच गढ़ी गई है। लोगों के बीच प्रधानमंत्री को तक़रीबन अपराजेय साबित कर दिया गया है। पढ़ें, सैयद जैगम मुर्तजा का विश्लेषण