कोरोना ने लोगों पर दोहरा हमला किया है। चूंकि पीवीटीजी पहले से ही अकुशल श्रमिक के रूप में काम करते है, इसलिए आदिवासी समुदाय के लिए काम ढूंढना और भी मुश्किल हो गया है क्योंकि मुख्यधारा के बहुसंख्यक कुशल लोगों को कोरोना ने अकुशल श्रम के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया है। इसलिए पीवीटीजी परिवारों के रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बता रहे हैं अच्छेलाल प्रजापति व तबरेज आलम