तीन बार डेडलाइन के बावजूद भारत सरकार द्वारा फेलोशिप की राशि में कोई वृद्धि नहीं किए जाने से देश भर के रिसर्च स्कॉलर्स आंदोलित हैं। यदि सरकार ने 15 जनवरी तक उनकी मांगें नहीं मानी तब वे 16 जनवरी से दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष बेमियादी प्रदर्शन करेंगे
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एकबार फिर रिसर्च स्कॉलरों को आश्वासन ही हाथ लगा है। अब केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उन्हें आश्वस्त किया है कि जल्द ही फेलोशिप की राशि में वृद्धि की घोषणा होगी
Union HRD minister tells agitating research scholars that an official announcement will be made soon
रिसर्च स्कॉलरों ने 24 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन से मुलाकात की और उन्हें एकबार फिर आश्वासन ही मिला। अब उनकी उम्मीदें केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पर टिकी हैं
हाल के दिनों में कई ऐसी खबरें आई हैं जिनमें असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर बहाली हेतु नियमों में बदलाव की बात कही गई है। कहा तो यह भी जा रहा है कि इसके लिए स्नातकोत्तर में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक और नेट उत्तीर्णता की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया गया है। लेकिन यह पूरा सच नहीं है
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
यूजीसी की जगह एचईसीआई की तैयारी है। मसौदा देशभर के विश्वविद्यालयों और अन्य यूजीसी फंडेड संस्थानों में भेजा गया है कि वो करार पर दस्तखत करें। इससे विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता छिनेगी और यूजीसी की जगह कर्ज देने वाला बैंक खड़ा हो जाएगा। सरकार की इस पहल का प्राख्यात शिक्षाविद आनंद कृष्णन ने विरोध किया है। फारवर्ड प्रेस की खबर :
उच्च शिक्षा के आईने में यूजीसी का चेहरा पूरी तरह निर्लज्ज दिख रहा है। पहले उसने केंद्रीय सेवा नियमावली (सीसीएस) और अब एस्मा थोपने की बेशर्मी दिखाई। लेकिन देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों और अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए राहत है कि दिल्ली में डीयू और जेएनयू की जागरूकता से यूजीसी कामयाब नहीं हो सकी है। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :
सूसी थारू यूजीसी द्वारा फारवर्ड प्रेस, ईपीडब्ल्यू और हंस जैसी पत्रिकाओं को अनुमोदन सूची से बाहर निकाले जाने का विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि मानविकी और समाज विज्ञान के क्षेत्र में विद्वता का विस्तार हो, इसके लिए समाज के नये वर्गों और नये मुद्दों को अकादमिक विमर्श का हिस्सा बनाया जाना जरुरी है। इसलिए यह फैसला बहुत विनाशकारी है
सरकार ने झटके में प्रतिरोधी विचारों वाली कई नामी गिरामी पत्रिकाओं की मान्यता खत्म कर दी है। इस कारण प्रोफेसरों, शोध संस्थानों के स्कॉलरों और शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक विषयों से जुड़े अध्येताओं का भारतीय समुदाय इस समय गहरी चिंता में है। उनकी इस चिंता के पीछे है बौद्धिक लोकतंत्र पर लटक रही खतरे की घंटी
The government agency has blacklisted several well-known magazines. Professors, researchers and scholars of various fields are concerned because such a decision does not augur well for intellectual freedom and democracy
आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाने करने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए अच्छी खबर। हाल ही में आईआईटी द्वारा बीटेक पाठ्यक्रम के लिए फीस बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर फीस नहीं बढ़ाने की बात कही है। बता रहे हैं वीरेंद्र यादव :
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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नकल कर पीएचडी या एमफिल करने वालों पर नकेल कसने की कोशिशें की है। साॅफ्टवेयर के जरिए शोधपत्रों की जांच के अलावा दोषी पाये जाने पर सजा का प्रावधान भी किया गया है। कमल चंद्रवंशी की रिपोर्ट :