बिहार में सवर्णों को लेकर नये तरह के नॅरेटिव गढ़े जा रहे हैं। उनके वैचारिक बदलाव की बात कही जा रही है। सवर्णों में राजद के प्रति प्रेम बढ़ने का स्लोगन भी गढ़ा जा रहा है। जबकि हकीकत में इन बातों का कोई आधार नहीं है। बता रहे हैं वीरेंद्र यादव
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