मौजूदा सवाल यह है कि आज, जबकि ब्राह्मणों की अपनी भाजपा मजबूत स्थिति में है, केन्द्र के साथ-साथ अनेक राज्यों में भी उसकी सरकारें हैं, और उत्तर प्रदेश में भी योगी के नेतृत्व में चहुँओर ब्राह्मणवाद फलफूल रहा है, तो ऐसी स्थिति में ब्राह्मणों का आकर्षण बसपा के प्रति क्यों होगा? कंवल भारती का विश्लेषण