स्टेन स्वामी ने अपनी जान गंवा कर भारत को बचा लिया है। पूरी दुनिया के सामने भारत की शासन व्यवस्था की कलई खुल गई है। सबको यह पता चल गया है भारत में दमित वर्गों के लिए काम करने वालों को सूली पर चढ़ा दिया जाता है। यह साफ़ है कि हमारे देश के संवैधानिक लोकतंत्र बनने के बाद भी, उन लोगों के मन में जहर खत्म नहीं हो सका है, जो आदिवासियों और दलितों को मनुष्य ही नहीं मानते। कांचा इलैया शेपर्ड की टिप्पणी