अमीरों की दिल्ली और गरीबों की दिल्ली दोनों अलग-अलग है। दोनों के लिए अलग-अलग कानून है। कोई यकीन करेगा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के पॉश इलाके में एक महिला पर जुल्म करने वाले धनाढ़्य के पक्ष में देश का एक केंद्रीय मंत्री भी कानून व संविधान की मर्यादा को दरकिनार कर खड़ा हो जाता है। डॉ. सिद्धार्थ एवं उनके साथियों का तथ्यान्वेषण :