मुक्ता सालवे जोतीराव फुले-सावित्रीबाई फुले की पाठशाला की छात्रा थीं। महज 14 साल की उम्र में उन्होंने मांग महारों के दुखों, चुनौतियों और निवारण के उपायों के संबंध में विस्तृत निबंध लिखा, जिसे मराठी पत्रिका ज्ञानोदय ने प्रकाशित किया। सिद्धार्थ बता रहे हैं कि इस लेख में मुक्ता सालवे के मन में पेशवाई ब्राह्मणों के खिलाफ उठने वाले अंगार तो थे ही, मुक्ति का मार्ग भी था