अगरतला के एक बहुजन परिवार में जन्मीं दीपा ने इसी अप्रैल में 31वें ओलम्पिक खेलों की कलात्मक(आर्टिस्टिक) जिम्नास्टिक्स में जगह बनाकर पहले ही एक बड़ा इतिहास रच दिया था। इतिहास रचने के बाद उम्मीदों का पहाड़ सर लिए दीपा रियो पहुंची थीं। दीपा ने उम्मीदों के बोझ को दरकिनार कर अपना स्वाभाविक खेल दिखाया और 14 अगस्त को होने वाले फाइनल में जगह बना ली