भूमिहारों की अपनी रणवीर सेना थी। रणवीर सेना उन गांवों को चुन-चुन कर निशाना बनाती थी, जहां प्रतिरोध की गुंजाईश न्यून थी। उसका एकमात्र मकसद गरीबों और कमजोर जातियों में दहशत पैदा कर यह संदेश देना था कि ‘बनी-बनायी व्यवस्था’ को चुनौती देने की कोई हिमाकत न करे