1968 में सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता ललई सिंह ने ईवी रामासामी पेरियार की चर्चित पुस्तिका ‘रामायण : अ ट्रू रीडिंग’ का हिंदी अनुवाद ‘सच्ची रामायण’ के नाम से प्रकाशित किया था, जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था। ललई सिंह ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ लंबी लडाई लडी, जिसमें उनकी जीत हुई