लोहिया का सपना था पिछड़ी जातियों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, श्रमजीवी वर्ग और महिलाओं का एक गठबंधन तैयार करना, जो एक होकर सत्ता के विभिन्न केन्द्रों का विरोध करेगा- चाहे वे जातिगत हों, वर्गीय, नस्लीय या लैंगिक – और एक नई दुनिया का आगाज़ करेगा। ललिता धारा का आलेख