इस फिल्म फेस्टिवल में तीन दर्जन से ज्यादा फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। अहम फिल्मों में पानी के लिए काम करने वाले पद्मश्री सिमोन उरांव की जिंदगी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री ‘झरिया’ रही, जिसके निर्देशक बीजू टोप्पो हैं। उसी तरह आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ने वाली दयामनी बारला और कवि निर्मला पुतुल की जीवनी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री ‘बुरु गारा’ का प्रदर्शन हुआ, जिसके निर्देशक श्रीप्रकाश हैं। बता रहे हैं अभय कुमार