आश्चर्यजनक विधि से नवंबर, 2015 में पांचजन्य की रिपोर्ट में लगाये गये आरोप चार महीने बाद फरवरी, 2016 में पुलिस के गुप्तचर विभाग की रिपोर्ट में बदल गये। पांचजन्य की रिपोर्ट और गुप्तचर विभाग की रिपोर्टका भाव एक है, मूल कथ्य समान है, लगाए गये आरोप समान हैं, बहुजन विचार धारा वाले छात्र संगठनों को वामपंथ के अतिवादी समूहों से जोड़ डालने की साजिशें समान हैं