आरएसएस ने किसी ब्राह्मण जाति का इतिहास नहीं लिखा क्योंकि इससे उसका एजेंडा कमजोर होगा, जबकि खटीक, राजभर, कुर्मी, कोयरी आदि जातियों का इतिहास बाकायदा लिखवाया ताकि इन सबके बीच जातीय अंतर्विरोध, वैमनस्य और आपसी संघर्ष पैदा हो और वे ताकत प्राप्त करने के लिए आरएसएस के खेमे में जायें। रामजी यादव का विश्लेषण