‘अनीश्वरवादियों की दलीलें’ शीर्षक लेख में जिज्ञासु ने ईश्वरवादियों की दलीलों के संबंध में कतिपय भौतिकवादी दार्शनिकों के विचार प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने सर्वप्रथम चार्वाक का मत दिया है, जिसके अनुसार, ‘वेद, ईश्वर, आत्मा, स्वर्ग, यज्ञ, श्राप आदि सब धूर्तों की ठगविद्या है।’ बता रहे हैं कंवल भारती