डॉ. आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर दिल्ली से सटे गाजियाबाद में आंबेडकर में ही संविधान के खतरों का निदान विषय पर आयोजित परिचर्चा का सार यही रहा कि आंबेडकर के सिद्धांतों पर चलकर ही संविधान पर आए संकट को खत्म किया जा सकता है। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :
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आगामी 6 दिसंबर 2018 को गाजियाबाद में दलित-बहुजन बाबा साहब के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर जुटेंगे। इस अवसर पर फारवर्ड प्रेस द्वारा प्रकाशित ‘जाति का विनाश’ के अलावा बाबा साहब की आत्मकथा ‘वेटिंग फॉर वीजा’ का विमोचन होगा। फारवर्ड प्रेस की खबर :
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
‘जाति का विनाश’ का संघर्ष अति प्राचीन है। बुद्ध ऐसे व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने जाति व्यवस्था के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष किया। डॉ. आंबेडकर ने जाति के विरुद्ध संघर्ष को जटिल संघर्ष बताया है। बिना हिन्दू धर्म के विनाश के जाति खत्म नहीं हो सकती है। बीते 12 अगस्त 2008 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में वक्ताओं ने एक स्वर में हिन्दू धर्म को जाति व्यवस्था का पोषक बताया
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डॉ. आंबेडकर ने अंग्रेजी में ‘वेटिंग फॉर वीजा’ नाम से अपनी आत्मकथा लिखी थी। इसे अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ाया जाता है। हिंदी पाठकों के लिए अंग्रेजीे से इसका हिंदी अनुवाद सविता पाठक ने किया है। डॉ. आंबे़डकर के 62वें महापरिनिर्वाण दिवस (6 दिसंबर) पर प्रस्तुत है, यह आत्मकथा
‘Waiting for Visa’ has been part of a course in Columbia University. Here it is again on the occasion of Dr Ambedkar’s 62nd death anniversary