नई शिक्षा नीति में स्वायत्तता के तर्क को आधार बनाया जा रहा है। इसका एक परिणाम शिक्षा का व्यापक स्तर पर निजीकरण होगा। कायदे से इसका विरोध होना चाहिए, लेकिन अकादमिक जगत में इसके पक्ष में माहौल बनाया जा रहा है
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बीएचयू के संस्कृत संकाय में एक मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर भारी विवाद हुआ। वहीं आईआईएएस, शिमला ने संस्कृत व संस्कृति से जुड़े अपने सालाना जलसे के संयोजन की जिम्मेदारी मुस्लिम प्रोफेसर को सौंपी है। इसी संस्थान की पत्रिका में दलित-आदिवासी चेतना और आंबेडकर पर विचार मंगाए गए हैं
भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला के राधाकृष्णन व्याख्यान में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शिरकत कर रहे हैं तो देश के दूसरे बड़े शिक्षा संस्थानों में भी आने वाले दिनों में कई बड़े आयोजन हैं। इस हफ्तावार कॉलम में पढ़ें देश के संस्थानों में होने वाली गतिविधियों का ब्यौरा
भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला गुरू नानक की 550वीं जयंती पर बहुत ताकत के साथ नया विमर्श सामने रखकर अकादमिक समाज से रूबरू हो रहा है तो इसी संस्थान ने सरदार पटेल की प्रशासनिक ढांचा बनाने में भूमिका पर व्याख्यान रखकर सरकार के नगाड़े को बजाया है। इस हफ्तावार कॉलम में देखें आगामी आयोजनों का पूरा कलेंडर
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में तीन दिवसीय संगोष्ठी के दौरान जेएनयू के प्रोफेसर विवेक कुमार ने विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि दलित आंदोलन के कारण जातिवाद नहीं बढ़ा है। बल्कि इसके कारण वे आगे बढ़े हैं जिन्हें पीछे छोड़ दिया गया था
शिमला का उच्च अध्ययन संस्थान निरर्थक प्रयोजनों में लगा है। टैगोर मेमोरियल व्याख्यान के तौर पर ऐसा विषय रखा गया है जिसका ना तो उच्च शिक्षा के बौद्धिक समाज से ताल्लुक है और ना ही समाज के यथार्थ से। ये व्याख्यान 14 नवंबर को दिल्ली में है। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
शिमला में भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के विंटर स्कूल ने दिसंबर में 15 दिनों की गांधी और उनके समकालीन चिंतकों के जीवन दर्शन के सार पर विशेष अध्ययन के लिए शिक्षकों और स्कॉलर्स का आह्वान किया है। लेकिन इसके लिए जैसे अंदाज में प्रविष्टियां मंगाई गई हैं, वह अपने में गजब है। फारवर्ड प्रेस की खबर :
भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला के नये निदेशक जेएनयू में अंग्रेजी के प्रो. मकरंद आर. परांजपे होंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त प्रो. परांजपे की पहचान अच्छे समालोचक, कहानीकार और चिंतक के रूप में रही है। बी. आनंद की खबर :
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रवि कुमार दलित हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक जाना-पहचाना नाम है। दलित मुद्दों को प्रमुखता से उठाने वाले रवि अपना जीवन-यापन सब्जी बेचकर चलाते हैं। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर वीरभद्र सिंह के खिलाफ चुनाव भी लड़ा। दलितों के सम्मान की खातिर अपने तरीके से लड़ने वाले रवि के बारे में बता रहे हैं राजेश शर्मा :
Ravi Kumar Dalit is a well-known name in Himachal Pradesh’s capital. He raises issues pertaining to Dalits even as he sells vegetables for sustenance. He has even contested the assembly election against Virbhadra Singh on a BSP ticket
हिमाचल प्रदेश में बलात्कार के मामले लगभग न के बराबर होते हैं। संभवत: यही वजह है कि इस एक घटना ने लोगों को झकझोर दिया है। आलम यह है कि पुलिस से लेकर प्रदेश की सरकार तक कटघरे में है। बता रहे हैं हमारे स्थानीय संवाददाता मुकेश :
Rapes are almost unheard-of in Himachal Pradesh. Perhaps, that is why this barbaric incident has shaken the people of the state