एमएसजी-2 में आदिवासियों को शैतान घोषित किया जाता है और गुरमीत राम रहीम सिंह को इंसान, जो यह दावा करता है कि वह शैतानों को इंसान बनायेगा तथा उसका पूरा जीवन इसी काम के लिए है। असल में देखा जाये तो आदिवासी पहचान, अस्मिता और अस्तित्व पर यह कोई नया हमला नहीं है बल्कि हजारों वर्षों से यह इसी तरह से चलता आ रहा है